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उमा भारती का बयान, चीता भाजपा का कार्यकर्ता नहीं, जो अनुशासन में बंधा रहे, माहौल नहीं मिल रहा इसलिए मर रहे

उमा भारती का नमीबिया और अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों की मौत पर बयान सामने आया है।

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uma bharti comment on cheetah death in kuna

उमा भारती का बयान, चीता भाजपा का कार्यकर्ता नहीं, जो अनुशासन में बंधा रहे, माहौल नहीं मिल रहा इसलिए मर रहे

अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में बने रहने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती का इस बार नमीबिया और अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों की मौत पर बयान सामने आया है। उमा भारती ने कहा कि, चीता कई बाजपा का कार्यकर्ता नहीं है जो हमेशा अनुशासन में बंधा रहे। माहौल नहीं मिल पा रहा है। इसलिए उनकी मौत हो रही है।

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि, चीता वहां, जिस माहौल और वातावरण में रहता था, यहां उसको वो नहीं मिल पा रहा है। चीता बड़ा संवेदनशील जानवर होता है। यही कारण है कि, वो जल्दी ही डिप्रेशन में चला जाता है और इस समस्या का कोई इलाज नहीं है। हमने चीतों को लाकर एक तरह का प्रयोग किया था। अब जितने चीते बचे हैं, हमारा प्रयोग उनपर जारी है। इसी दौरान उन्होंने आगे ये भी कहा कि, चीता कोई भाजपा का कार्यकर्ता तो नहीं है, जो हमेशा अनुशासन में रहे। पर्याप्त माहौल न मिल पाने से उनकी मौत हो रही है।

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उमा भारती ने बताई कूनो में हो रही चीतों की मौत की वजह

हालांकि, उमा भारती न मिल पाने वाला बयान विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे सकता है। क्योंकि, सरकार के दावे के अनुसार, चीतों को अफ्रीका और नमीबिया से लाए जाने से पहले कूनो नेशनल पार्क में उनके हिसाब का अनुकूल माहौल बनाने के दावे किये गए थे। साथ ही, इसपर सरकारी बजट से करोड़ों रूपए भी खर्च हुए थे।


सूरज की हुई आखिरी मौत

आपको बता दें कि, कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शुक्रवार को आठवीं बार चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा और पार्क में एक और चीता मृत अवस्था में पड़ा मिला। मरने वाले चीते का नाम सूरज बताया गया। याद हो कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए 8 चीतों को जंगल में छोड़ा था।

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3 दिन पहले तेजस की मौत

इससे तीन दिन पहले ही तेजस नामक के चीते की रहस्यमयी मौत हुई थी। यहां तक की तेजस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई भी नहीं थी कि, सूरज की मौत की खबर ने कूनो वन प्रबंधन को स्तब्ध कर दिया। तेजस भी दक्षिण अफ्रीका से ही लाया गया था। पांच साल की उम्र में उसकी मौत हुई है। बताया गया कि, तेजस के आंतरिक अंग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त थे।


अबतक 8 चीतों की मौत

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके साथ ही मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें सभी शावकों की मौत हो गई है। साथ ही, पांच बड़े चीतों की मौत भी अबतक हो चुकी है। कूनो नेशनल पार्क में अभी 15 चीते बचे हैं। ऐसे में चीता प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ ही गई है। साथ ही, इस मामले पर जमकर राजनीति भी हो रही है।